अब कोई नही गिला तुमसे,अपनी जिंदगी से हैरान हूं।
न हो सका कोई अपना, इस बात से परेशान हुँ।।
मिलता नही हर किसी को, उसके मनमाफ़िक हमसफ़र।
मिला एक शख़्स मुझे बेवफ़ा, इस बात से हैरान हुँ ।।
कोई आकर मुझे पूछे, क्या दवा है तेरे दर्द की।
मैं नाम उसका लूं कैसे, जिस नाम से बदनाम हुँ।।
मैं अपने हाथ की लकीरों में, ढूढता हूं नाम उसका।
अब क्या है उसके दिल मे, इस बात से मैं अंजान हूँ।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 13- अक्टूबर-2019

Nice post
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