समुद्र की गहराइयों से हटकर समुद्र की एक प्रेरणा युक्त कहानी , समुद्र के किनारे जब एक लहर आया तो एक बच्चे का चप्पल ही अपने साथ बहा ले गया| बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है "समुद्र चोर है"| उसी समुद्र के एक दूसरे किनारे कुछ मछुआरे बहुत सारे मछली पकड़ लेते और उनसे उनका व्यवसाय एवम धन अर्जित करते हैं| वह उसी रेत पर लिखता है "समुद्र मेरा पालनहार है"| एक युवक समुद्र में डूब कर मर जाता है| उसकी मां रेत पर लिखती है "समुद्र हत्यारा है"| एक दूसरे किनारे एक गरीब बूढ़ा टेढ़ी कमर लिए रेत पर टहल रहा था| उसे एक बड़े सीप में एक अनमोल मोती मिल गया| वह रेत पर लिखता है "समुद्र दानी है"| अचानक एक बड़ी लहर आता है और सारे लिखा मिटा कर चला जाता है| लोग जो भी कहे समुद्र के बारे में लेकिन विशाल समुद्र अपनी लहरों में मस्त रहता है| अपने उफान और शांति वह अपने हिसाब से तय करता है| अगर विशाल समुद्र बनना है तो किसी के निर्णय पर अपना ध्यान ना दें| जो करना है अपने हिसाब से करें| जो गुजर गया उसकी चिंता में ना रहे| हार जीत, खोना पाना, सुख-दुख, इन सबके चलते मन विचलित ना करें| अगर जिंदगी सुख शांति से ही भरा होता तो आदमी जन्म लेते समय रोता नहीं| जन्म के समय रोना और मरकर रुलाना इसी के बीच के संघर्ष भरा समय को जिंदगी कहते हैं|
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