कश्मीर की नाजुक कली हो तुम
बिन कहे चहकती ग़ज़ल हो तुम
बिन कहे चहकती ग़ज़ल हो तुम
कोई नही तुम्हारा बिना मेरा यहाँ
मेरी जिंदगी और आशिकी हो तुम
मेरी जिंदगी और आशिकी हो तुम
कभी रातो में एक खुशनुमा ख़्याल
तो कभी दिलो की धङकन हो तुम
तो कभी दिलो की धङकन हो तुम
धुप और गर्मी सी बेहाल है जिंदगी
शीतलता के लिए शज़र हो तुम
शीतलता के लिए शज़र हो तुम
लहरों तूफान में डुबू अगर मैं कही
बन के साहिल किनारें की मंजिल हो तुम
बन के साहिल किनारें की मंजिल हो तुम
रचना - लव तिवारी
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