तेरे हुस्न की क्या तारीफ करू
तू सबसे अलग है और सबसे हसीन
तुझे जब से देखा भूल गया
मुझे क्या मिला और क्या नही
तेरे ज़ुल्फ़ की सुखद छांव में
मुझे मिलता है एक सुकून सही
तेरे एक झलक को पाने को
मैं कब से हूँ बेचैन यही
तू मिल गयी तो सबकुछ मिला
मुझे किसी बात का अब मलाल नही
रचना- लव तिवारी
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