शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

आप की बेरुखी को क्या कहिये - अनूप जलोटा

आप की बेरुखी को क्या कहिये-2
अपने दिल की लगी को क्या कहिये

काश करते न हम जफ़ा का गिला
उनकी शर्मिंदगी को क्या कहिये
अपने..............

हिज्र में मौत भी नहीं आती
बेहया जिंदगी को क्या कहिये
अपने ..............

लाख चाहा की भूल जाए उन्हें
अपने कम्बख्त जी को क्या कहिये
आप की बेरुखी........

तोड़ दी फिर से दर्द ने तौबा
आदते मय कशी को क्या कहिये
आप की बेरुखी......


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