रविवार, 5 अप्रैल 2015

Kisi Pe Jaan Lutai Ja Rahi Hai- किसी पे जाँ लुटाई जा रही है

किसी पे जाँ लुटाई जा रही है
या किस्मत आजमाई जा रही है.. 

बहेकते जा रहे हैं होश दिल के 
निगाहों से पिलाई जा रही है...

हुई कुर्बत तो ऐसा लग रहा है 
मेरी जाँ मुस्कुराई जा रही है ...

खिला के गुंचा-ए-दिल को मेरे 
हकीकत अब दिखाई जा रही है ...

तुम्हारी राह में जानाँ हमेशा 
नज़र मेरी बिछाई जा रही है ...

लूट कर चैन_ओ_सकूं मेरा 
मुझसे नज़रे चुरायी जा रही है...

बिना उसके दोस्तों जीना है मुश्किल 
मुझसे ही मेरी दुनया मिटाई जा रही है..

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