रविवार, 5 अप्रैल 2015

Has Ke Har Gum Chhupa Liya Maine - हँस के हर ग़म छुपा लिया मैंने,

हँस के हर ग़म छुपा लिया मैंने,
लब पे नग़में सजा लिया मैंने...

भीड़ की आदत नहीं मुझे,
थोड़े में जीना सीख लिया है मैंने,,,,,

चन्द दोस्त हैं, चन्द दुआएं हैं,
बस इन खुशियों को गले लगा लिया मैंने..

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