शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

ख्वाब देखकर हर ख्वाब मे यही देखा, ---***** लव तिवारी ----08010060609



ख्वाब  देखकर हर ख्वाब मे यही देखा,

तुम्हे देखा बस तुम्हे ही  देखा,

रात भर मैं तेरा इंतजार करता रहा,

मंज़िल  को भूल कर तेरा रास्ता देखा

तमन्ना उम्र भर तुझे तुझसे मागाता रहा

हर घड़ी हर लम्हा तुझे चाहता रहा,

मेरी चाहत की बंदगी से कम नही,

जब भी तुम्हे देखा तो लगा की खुदा देखा

***** लव तिवारी --------------------------



गुरुवार, 27 सितंबर 2012

मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।

मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं

मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।


लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती


बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती।


अभी जिंदा है मां मेरी
 मुझे कुछ नहीं होगा


मैं घर से जब निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है।


कुछ नहीं होगा तो आंचल में छुपा लेगी मुझे


मां कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी
















बुधवार, 26 सितंबर 2012

मुकद्दर आजमाना चाहते हैं तुम्हें अपना बनाना चाहते हैं

मुकद्दर आजमाना चाहते हैं

तुम्हें अपना बनाना चाहते हैं


तुम्हारे वास्ते क्या सोचते हैं


निगाहों से बताना चाहते हैं


गलत क्या है, जो हम दिल मांग बैठे


परिंदे भी ठिकाना चाहते हैं


परिस्थितियां ही अक्सर रोकती हैं


मुहब्बत सब निभाना चाहते हैं


बहुत दिन से हैं इन आँखों में आंसू


तुषार अब मुस्कुराना चाहते हैं .........!!

शनिवार, 22 सितंबर 2012

"Mujhe Khamosh Raahon Main Tera Saath Chahiye- Lav Tiwari 08010060609

"Mujhe Khamosh Raahon Main
Tera Saath Chahiye

Tanha Hy Mera Haath Tera Haath
Chahiye

Mujh Ko Mere Muqadar Per Itna
Yaqeen To Hai

Tujhko Bhi Mere Lafz Meri Baat
Chahiye

Main Khud Apni Shairy Ko Kiya
Acha Kahun

Mujh Ko Teri Ta'reef, Teri Daad
Chahiye

Ehsas-E-Muhabat Tere Hi Wastey
Hai
''Lekin''

Junoon-E-Ishq Ko Teri Har
Soughat Chahiye

Tu Mujh Ko Paany Ki Khwahish
Rakhta Hai Shayad..!
''Lekin''

Mujhy Jeeny K Liye Teri Hi sATh
Chahiye"..!

मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भुल जाता हूँ !-लव तिवारी


ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भुल जाता हूँ                                                                                             

मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भुल जाता हूँ !

तेरी गलियो मे फिरना इतना अच्छा लगता है 

मै रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भुल जाता हूँ !!

बस इतनी बात पर मै लोगो को अच्छा नही लगता

मै नेकी कर तो देता हूँ जताना भुल जाता हूँ!

शरारत ले के आंखो मे वो तेरा देखना तौबा 

मै तेरी नज़रो पे जमी नज़रे झुकाना भुल जाता हूँ!!

मोहब्बत कब हुई कैसे हुई सब याद है मुझको 

मै कर के मोहब्बत को भुलाना भुल जाता हूँ!!!



लव तिवारी

शनिवार, 15 सितंबर 2012

साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं

साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं
इक नदी के दो किनारों को मिला सकते नहीं


देने वाले ने दिया सब कुछ अजब अंदाज से
सामने दुनिया पड़ी है और उठा सकते नहीं


इस की भी मजबूरियाँ हैं, मेरी भी मजबूरियाँ हैं
रोज मिलते हैं मगर घर में बता सकते नहीं

आदमी क्या है गुजरते वक्त की तसवीर है
जाने वाले को सदा देकर बुला सकते नहीं


किस ने किस का नाम ईंट पे लिखा है खून से
इश्तिहारों से ये दीवारें छुपा सकते नहीं


उस की यादों से महकने लगता है सारा बदन
प्यार की खुशबू को सीने में छुपा सकते नहीं

राज जब सीने से बाहर हो गया अपना कहाँ
रेत पे बिखरे हुए आँसू उठा सकते नहीं

शहर में रहते हुए हमको जमाना हो गया
कौन रहता है कहाँ कुछ भी बता सकते नहीं

पत्थरों के बर्तनों में आँसू को क्या रखें
फूल को लफ्जों के गमलों में खिला सकते नहीं




शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

बेटी बन कर आइ हूँ माँ-बाप के जीवन में, बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आंगन में- लव तिवारी


बेटी बन कर आइ हूँ माँ-बाप के जीवन में,
बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आंगन में,

क्यूँ ये रीत भगवान ने बनाई होगी,
कहते है आज नहीं तो कल तू पराई होगी,

देके जनम पाल पोस कर जिसने हमें बड़ा किया,
और वक़्त आया तो उन्ही हाथो ने हमें विदा किया,

टूट के बिखर जाती है हमारी ज़िन्दगी वहीँ,
फिर भी उस बंधन में प्यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं,

क्यूँ रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है,
क्या बस यही हम बेटीओं का नसीब होता है

असमा के तारे अक्सर पूछते है हमसे---लव तिवारी

असमा के तारे अक्सर पूछते है हमसे
क्या तुम्हे आज भी इंतज़ार है उसके लौट आने का.
और ये दिल मुस्कुरा के कहता है
मुझे तो अब तक यक़ीन ना हुआ उसके चले जाने का...


तुम समंद्र की बात करते हो
लोग आँखों मैं डूब जाते हैं



यहाँ कौन रोता है किसी के लिए
सब अपनी ही किसी बात पर रोते है
इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से
बाक़ी सब तो मतलब के यार होते है

सरे राह कुछ भी कहा नहीं, कभी उसके घर में गया नहीं.. लव तिवारी दिनाक-१४-०९-२०१२

सरे राह कुछ भी कहा नहीं, कभी उसके घर में गया नहीं..


मैं जनम-जनम से उसी का हूँ, उसे आज तक ये पता नहीं.


.
ये ख़ुदा की देन अज़ीब है, कि इसी का नाम नसीब है..



जिसे तूने चाहा वो मिल गया, जिसे मैंने चाहा वो मिला नहीं..

वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ लव तिवारी


वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ
अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ
जिसे ले गई है अभी हवा वो वरक़ था दिल की किताब का
कहीं आँसुओं से मिटा हुआ कहीं आँसुओं से लिखा हुआ
कई मील रेत को काट कर कोई मौज फूल खिला गई
कोई पेड़ प्यास से मर रहा है नदी के पास खड़ा हुआ
मुझे हादसों ने सजा सजा के बहुत हसीन बना दिया
मेरा दिल भी जैसे दुल्हन का हाथ हो मेहन्दियों से रचा हुआ
वही ख़त के जिस पे जगह जगह दो महकते होंठों के चाँद थे
किसी भूले-बिसरे से ताक़ पर तह-ए-गर्द होगा दबा हुआ
वही शहर है वही रास्ते वही घर है और वही लान भी
मगर उस दरीचे से पूछना वो दरख़त अनार का क्या हुआ
मेरे साथ जुगनू है हमसफ़र मगर इस शरर की बिसात क्या
ये चराग़ कोई चराग़ है न जला हुआ न बुझा हुआ

भगवान से क्या मांगू तेरे वास्ते, सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते|






भगवान से क्या मांगू तेरे वास्ते,
सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते|

हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह,
खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस तरह|

सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे,
पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे|

आसमा हों या ज़मीन, हर तरफ तेरा नाम हों,
महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो|

कभी कोई परेशानी तुझे न सताए,
रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए|

दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये,
खुशियाँ तेरे दर से न जाये|

इक छोटी सी अर्जी है मान लेना,
हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना|

खुशियों में चाहे हम याद आए न आए,
पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना|

इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे,
दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है


दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है

अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम
हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है

ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं
फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है

ये वक्त जो तेरा है, ये वक्त जो मेरा
हर गाम पर पहरा है, फिर भी इसे खोना है

आवारा मिज़ाजी ने फैला दिया आंगन को
आकाश की चादर है धरती का बिछौना है

इक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सबकी दुनिया कोई जल्दी में कोई देर में जाने वाला

अब खुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला


हर बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा
जिस तरफ़ देखिए आने को है आने वाला


उसको रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला


दूर के चांद को ढूंढ़ो न किसी आँचल में
ये उजाला नहीं आंगन में समाने वाला


इक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सबकी दुनिया

कोई जल्दी में कोई देर में जाने वाला