शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

बेटी बन कर आइ हूँ माँ-बाप के जीवन में, बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आंगन में- लव तिवारी


बेटी बन कर आइ हूँ माँ-बाप के जीवन में,
बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आंगन में,

क्यूँ ये रीत भगवान ने बनाई होगी,
कहते है आज नहीं तो कल तू पराई होगी,

देके जनम पाल पोस कर जिसने हमें बड़ा किया,
और वक़्त आया तो उन्ही हाथो ने हमें विदा किया,

टूट के बिखर जाती है हमारी ज़िन्दगी वहीँ,
फिर भी उस बंधन में प्यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं,

क्यूँ रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है,
क्या बस यही हम बेटीओं का नसीब होता है

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