गुरुवार, 21 अगस्त 2025

देश एक है- रचना श्री माधव कृष्ण ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

देश एक है
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पूछ रहा बुधिया कि देश एक है
क्यों फिर संसद के अंदर विभेद है

हमारा तिरंगा पहचान हमारी
क्यों इतने झंडों से लदा देश है

कुर्सी ही चाहत है सबकी अगर
बुधिया के घर में भी पड़ी एक है

हम लोगों के प्रतिनिधि मर्सिडीज में
बुधिया के कपड़ों में बड़ा छेद है

सीवर में सड़क और गड्ढे अपार
मंत्री बेशर्म बाँचता लबेद है

सरकारें सख्त हैं कि रेट बढ़ गया
रिश्वत का लिफाफा, क्यों सफेद है

रक्षा मंत्री जी की रक्षा में सब
रोज यहां घरों में लगी सेंध है

बुधिया प्रतीक्षारत फ्री राशन के
गांव के प्रधानों की सजी प्लेट है

महलों का राजतंत्र मरा है कहां
मंत्री का घर क्या भग्नावशेष है

आवेदन शौचालय का लंबित है
तब तक जिन्दाबाद भरा खेत है

नेताओं का हंसना गाल फुलाना
कहती है नीति यही बड़ा फेक है

अब्दुल बुधिया का सिर फोड़ डालना
सहज सरल लोगों में भरा द्वेष है

सुना है संसद के कैंटीन की
सस्ती थाली में व्यंजन अनेक है

अब्दुल का बेटा है भूखा भले
भाषण से नेता ने भरा पेट है

विधवा मां का भी पेंशन चला गया
संसद में बिलों की कतार पेश है

सारे बिलों पर हैं लड़ रहे सभी
हँसता फोटो में बाबा साहेब है

एक बिल जहां पर खामोश हैं सभी
भत्ता बढ़ने का भावातिरेक है

टेबल थपथप कर वेतन बढ़ा दिया
बुधिया अब कह रहा कि देश एक है

माधव कृष्ण, द प्रेसीडियम इंटरनेशनल स्कूल अष्टभुजी कॉलोनी बड़ी बाग लंका गाजीपुर, २१ अगस्त २०२५



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