रविवार, 13 अक्तूबर 2024

ग़ज़ल डॉ एम डी सिंह ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

ग़ज़ल 

रातें देखी हैं सहर भी देखेंगे
तेरी बातों का असर भी देखेंगे

आए हैं हम देखने पर उतर जो 
नजारे ही नहीं नजर भी देखेंगे

हर गली-नुक्कड़ हर मोड़ पर तेरा 
गुरूर ही नहीं सबर भी देखेंगे

दरो-दीवार चाहे सलाखें दिखा 
ख़िदमत बस नहीं कहर भी देखेंगे

अबे सुन यार ग़ज़लगो आज तेरा
दीवान भी हम बहर भी देखेंगे

सहर-सुबह, सबर- संतोष, 
ख़िदमत- आव-भगत
दरो दीवार- घर द्वार, 
सलाखें -जेल ,कहर- आतंक
ग़ज़लगो- ग़ज़ल गाने वाले
दीवान- गजल संग्रह
बहर- शेर की एक-एक लाइन का तरीका

डाॅ एम डी सिंह



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