रविवार, 13 अक्तूबर 2024

जिंदगी रचना डॉक्टर एम डी सिंह गाजीपुर उत्तर प्रदेश

जिंदगी

होती नहीं यार कभी फेल जिंदगी
है हार जीत की नियत खेल जिंदगी

चढ़ते-उतरते भीड़ हम मंजिलों के
दौड़ रही पटरियों पर रेल जिंदगी

छोड़ना न चाहे कोई स्वप्न में भी
ऐसी है खूबसूरत जेल जिंदगी

अंधडों से लड़ कर भी बुझ नहीं रहे
भर रही है दीप-दीप तेल जिंदगी

रच रही मृत्यु नई रोज साजिशें
है मगर फिर भी हेला हेल जिंदगी

डॉ एम डी सिंह



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें