सोमवार, 26 अगस्त 2024

दिल देने, दिल लेने की जो बात कही थी तुमसे। दिल को आज सुकून मिला जब बात हुई फिर तुमसे- रचना लव तिवारी

दिल देने, दिल लेने की जो बात कही थी तुमसे।
दिल को आज सुकून मिला जब बात हुई फिर तुमसे।।

आदत मेरी कैसे सुधरेगी तुम ही तुम हो जहन में।
मेरा मुझको मिल जाता बस एक चाह बन गई तुमसे।

मेरे ख्वाबों की मलिका तुमसा कोई और नही।
तुम मेरी जान हो प्रिये एक रात कही से तुमसे।।

उसके बाद जीना मरना सब है तुम्हारी हाथों में।
मुझको दे दो जीवन, या मौत की सौगात मिलेगी तुमसे।।

तुझको चाहने वालों की ये दुनियां में बहुतेरे है।
मेरी मंजिल बन जाओ जज़्बात समझो अगर दिल से।।

वर्षो की चाहत लिए अगर समझ सको मेरे दर्द को
मेरे तुम हक़ीम हो इस मर्ज की इलाज़ बस तुमसे।

दिल देने, दिल लेने की जो बात कही थी तुमसे।
दिल को आज सुकून मिला जब बात हुई फिर तुमसे।।

रचना लव तिवारी 
ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें