सोमवार, 13 मई 2024

आदमी जिसको चाहे वो उसे मिल जाये। ये मोहब्ब्त भी सबको नही नसीब होता- रचना लव तिवारी

दूर से देख कर इतना सुकून देते हो
पास होते तो नज़ारा ही कुछ अजीब होता।

आदमी जिसको चाहे वो उसे मिल जाये।
ये मोहब्ब्त भी सबको नही नसीब होता।।

एक तुम्हें ही दिल में रखकर सोचते है हर वक्त
प्यार हमसे नही करती तो मै बदनसीब होता।।

बड़ी उम्मीद हैं तुमसे और ख्वाईश भी मेरे महबूब
हो जाती मेरी बस तो मैं बड़ा खुशनसीब होता।।

एक तम्मना बस मेरी आखिरी हैं तुम्हें पाने की
मुझको तू मिल जाये ऐसा मेरा नसीब होता।।

रचना लव तिवारी



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें