शक्ति भर दिह माई, बस देखत रही प्यार से
झोली के चिंता नइखे भरीये जाई दरबार से
तोहरा शक्ति के चर्चा में, ब्रम्हा विष्णु शिव थाके ले-२
जब रक्तबीज पैदा होले सब लोग तोही के ताके ले
सब लोग तोही के ताके ले….....................
सब शोक नशा द शक्ति द, अंधियार मिटा द शक्ति द
अज्ञान मिटा द शक्ति द, ज्योति बिखरा द शक्ति द
काहे भुलाइल बा आशा बा तोहार बा
तूही प्रकाश देबू इहे इंतेजार बा
शक्ति भर दिह माई, बस देखत रही प्यार से
झोली के चिंता नइखे भरीये जाई दरबार से
तू त सर्वत्र विराजे लू मन्दिर त एगो साधन बा-२
विश्वास करीला मूर्ति में एहि में सुख बा जीवन बा
एहि में सुख बा जीवन बा
पूजा स्वीकारे आ जईह मूर्ति में आके समा जईह
शृंगार हमन से का होई तू आपन रूप देखा जईह
जीवन भर तोहरे गुणवा गावें के इंतजार बा
तूही प्रकाश देबू इहे इंतेजार बा
शक्ति भर दिह माई, बस देखत रही प्यार से
झोली के चिंता नइखे भरीये जाई दरबार से
कोई जग जननी कोई जगदम्बा, जग के पालक गोहरावेला-२
हर जुग में तोहरे जय जय बा, तोहई से सब सुख पावेला
तोही से सब सुख पावेला...........
सब पाप हरेलु जानिला, दुःख नाश करेलु जानिला
पूजा के रीति भले नाही, बाकी गुण गावें जानिला
इहे हमार पूजा ताकत बरीआङ बा
माई के गीत है मनोजवा के शृंगार बा
तूही प्रकाश देबू लागल इन्तेजार बा
शक्ति भर दिह माई, बस देखत रही प्यार से
झोली के चिंता नइखे भरीये जाई दरबार से
शक्ति भर दिह माई, बस देखत रही प्यार से
झोली के चिंता नइखे भरीये जाई दरबार से
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