सोमवार, 4 सितंबर 2023

उसे तन्हाई ना डसे स्वरचित बीना राय गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

 उसे तन्हाई ना डसे

वोमुझे भूले से भी याद करे ना करे
है दुआ मिरी की उसे तन्हाई ना डसे।
वो मुझे दिल से निकाल तनहा कर गया
रब करे वो जिसे चाहे उस दिल में बसे।
मन के आंखों में है बर्फ सा जम गया
है ख़ुदा का शुक्र हंस के मिलते हैं सबसे।
नाम उसका मैं जपूं मन बांवरा भी करूं
जग को मुझपर हंसना है तो हंसे ।
स्वरचित
बीना राय
गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश



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