लाली मेरे लाल की जित देखू ती लाल
लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल
जगवा में हमही सयानी ये सखी
जगवा में हमही सयानी
पांच बियाह हम नइहर कइनी दस कइनी ससुरारी-२
कुल बियाह मीली पन्द्रह भइले तबो में बानी कुँवारी
जगवा में हमही सयानी ये सखी
जगवा में हमही सयानी...........
ससुरा के मोर पाटी में बंधनी देवरा के गोड़तारी-२
पियवा के मो लहंगा में बंधनी भसुरा से कईनी यारी
जगवा में हमही सयानी ये सखी
जगवा में हमही सयानी...........
कहत कबीर सुनो भाई साधु यह पद है निरबानी-२
जो ये पद के अर्थ लगहै मानी उनही के ज्ञानी
जगवा में हमही सयानी ये सखी
जगवा में हमही सयानी...........
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