सोमवार, 8 अगस्त 2022

मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना तुझे मिल गई पुजारन और मुझे मिल गया ठिकाना

मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना ३
तुझे मिल गई पुजारन २ और मुझे मिल गया ठिकाना
ओं प्रभु जी मुझे रास....................

मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले २ २
तेरी याद ने बना दी ओ गिरधर तेरे भजन ने बना दी
मेरी जिंदगी बनाना
मुझे रास आ गया.............................

मुझे इसका गम नही है २ कि बदल गया ये ज़माना २
मेरी जिंदगी के मालिक कही तुम बदल ना जाना
मुझे रास आ..............

तेरी सावली सी सूरत, मेरे मन में बस गई है ओ गिरधर
मेरे सावरे कन्हैया २ मुझे और ना सतना २
मुझे रास आ......

मेरी आरजू यही है ,दम निकले तेरे दर पर
क्यों कि अभी सास चल रही ओ गिरधर
कही तुम चले ना जाना
मुझे रास आ..............

मुझे रस ........२
तुझे मिल.......२


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