हम फौजी है प्यारा देश हमारा फिर क्यों ये गद्दारी है।
हम नेताओं के हाथों की कठपुतली जानती दुनिया सारी है।
हम अडिग है अपने पथ पर करते नया किर्तिमान यहाँ ।
देश विप्पति में जब होता, फिर होता हमारा काम वहाँ।।
आज के इस दौर से चिंतित हम सब भारतवासी है।
सबकुछ क्यो नेताओ के हाथ मे जो करते मनमानी है।।
करते हम संघर्ष दुश्मन से और सीमा पर पहरेदारी है।
तब जाकर देश है सोता, फिर भी नही हमसे वफादारी है।।
जाति धर्म ऊँच नीच से परे हम सब की जेम्मेदारी है।
वोट की राजनीति करके देखो राजनेता हम सब भारी है।।
हम फौजी है प्यारा देश हमारा फिर क्यों ये गद्दारी है।
हम नेताओं के हाथों की कठपुतली जानती दुनिया सारी है।
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