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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022
कहता हूँ मैं ये बात भी तेरी भलाई के लिए न चुन तू टूटी चूड़ियां अपनी कलाई के लिए- अज्ञात
कहता हूँ मैं ये बात भी तेरी भलाई के लिए
न चुन तू टूटी चूड़ियां अपनी कलाई के लिए
इस दिल को ये मंजूर है, तू खुश रहे हर हाल में
मुझ से न तू ये इश्क़ कर दर्दे जुदाई के लिए...
दुनिया पे में एक दाग हूँ तनहा सा नाशाद हूँ जज्बात में जीता हूँ बस दिल जलाई के लिए...
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