सोमवार, 8 नवंबर 2021

में होश में था तो फिर उस पे मर गया कैसे ये ज़हर मेरे लहू में उतर गया कैसे- रचना- कलाम चांदपुरी

में होश में था तो फिर उस पे मर गया कैसे
ये ज़हर मेरे लहू में उतर गया कैसे
में होश में था

कुछ उसके दिल में लगावट जरुर थी वरना-३
वो मेरा हाथ वो मेरा हाथ
वो मेरा हाथ दबा कर गुजर गया कैसे- 2
ये ज़हर मेरे लहू में उतर गया कैसे
में होश में था


जरुर उसकी तवज्जो की रहबरी होगी-३
नशे में था तो में अपने ही घर गया कैसे-२
ये ज़हर मेरे लहू में उतर गया कैसे
में होश में था

जिसे भुलाए कई साल हो गए कामिल-३
में आज उसकी गली से गुजर गया कैसे-२
ये ज़हर मेरे लहू में उतर गया कैसे
में होश में था तो फिर उसपे मर गया कैसे


गायक कलाकार- जनाब मेंहदी हसन साहब
रचना- कलाम चांदपुरी






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