मेरी दुनिया मेरे अपने
देखो हो गए कैसे सपने
भाग दौड़ के इस चकाचौंध में
क्या खोया क्या पाया हमने।।
इंसा को नही फिक्र जहाँ की
सब अपने बस मन की करते।।
क्या लेकर जाओगे इस जग से
सब यही बस रह जाते घर मे।।
कभी अकेले सोच के देखो।
क्या पाया क्या खोया तुमने।।
रचना लव तिवारी
युवराजपुर ग़ाज़ीपुर 232332
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें