आज शम्म-ए-हुसैनी टूट रही! सैकड़ों परिवारों की आजीविका के रास्ते बंद हो रहे! क्षेत्र के एक बड़े तबके की आस टूट रही जो जिला अस्पताल की दुर्दशा के बीच इलाज के लिए यहां आया करता था! नर्सिंग कोर्स कर रहीं पैरा-मेडिकल की छात्राओं की पैरों तले जमीन ही खिसक गई!
कोरोना महामारी खासकर लॉकडाउन के दौरान जब पूरे जनपद में नामी-गिरामी डॉक्टरों या हॉस्पिटलों ने मरीजों को देखने से मना कर दिया तो यही हॉस्पिटल सहारा था! अब ये हॉस्पिटल टूट रहा है और कल तक पूरी तरह नामो-निशान मिट जाएगा!
आज़म क़ादरी साहब का हॉस्पिटल था! समाज का एक छोटा तबका खुश भी दिखेगा शायद! लेकिन सवाल है कि यह नौबत ही क्यों आयी?
यह भी सही है कि अवैध को जायज नहीं ठहराया जा सकता! लोगों को पता चलना चाहिए कि अवैध कर्मों का परिणाम हमेशा सुखद नहीं होता! उस समय के अधिकारियों की भी जवाबदेही यहां से ट्रांसफर होने भर से खत्म नहीं होनी चाहिए! संलिप्तता तो सबकी रही होगी... प्रशासन से लेकर नेताओं और खुद सरकार की।
इस संदर्भ में मैं एक बात रख रहा हूँ अगर मैं गलत हूँ तो आप हमें जरूर बतायें पिछले कुछ वर्षों से मैं नोइडा और एनसीआर का निवासी हुँ वहाँ दो नदियों का समावेश है। एक तो बड़ी नदी यमुना जो दिल्ली वासियो की नरक और कचड़े को अपने मे समाहित करती है। तो दूसरी हिंडन जो नॉएडा और ग्रेटर नोएडा के क्षेत्र के अपशिष्ठ पदार्थ, कारखानों से निकले केमीकल युक्त पानी कचड़े को अपने अंदर वहन करती है। उस क्षेत्र में भी प्राइवेट और लोकल बिल्डर उनके आस पास की जमीनों पर कब्जा और प्लॉटिंग करते है और समय समय पर सरकार उन्हें दिशा निर्देश देती है कि वो जगह डूब क्षेत्र या फ्लड जोन के अंतर्गत आता है। यही कारण है कि उस स्थान पर बने आवास या जमीन के लिये कोई भी राष्ट्रीय बैंक लोन भी नही करता, जिस जमीन को सरकार, बैंक तथा लोग गैर कानूनी कह सकता है। वो कानूनी कैसी हो सकती है। हा अगर आप की बात यह है कि पिछली सरकार ने कुछ नही करती तो वो सरकार और उसके राजनेता भृष्ट थे। और नदी और नाले के समीप की जमीनें अगर दिल्ली एनसीआर में गैर कानूनी हो सकती है तो यहां ग़ाज़ीपुर में क्यों नही।।
अगर वाक़ई गलती और गैर कानूनी होने की वजह से ध्वस्त किया गया है तो आने वाले नए पीढ़ी को इस बात से सबक मिलेगी की गलत तो गलत है अगर राजनीति लाभ के वजह से कुछ किया गया है तो वाकई में ये घटना बहुत दुःखद और निन्दनीय है।।
एक बात और आप इतने बड़े हॉस्पिटल का निर्माण कर सकते है। करोड़ो रूपये इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर सकते है। उसी निवेश का कुछ भाग तो आप सही और कानूनी जमीन खरीद कर उस पर ये निर्माण करा सकते है जिससे आप सरकार की नजर में 100% सही और अपने को उचित दर्शाते।।
हां अभी सरकार से एक दरख्वास्त भी है कि कम से कम जिला अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति भी करें। और इस व्यवस्था को जल्द से जल्द पूरा करे इसके साथ पैथालॉजी को दुरुस्त करें! ताकि लोगों को प्राईवेट हॉस्पिटल जाने की जरूरत न पड़े। जनपद में गवर्नमेंट पैरा-मेडिकल कॉलेज खोले ताकि खासकर लड़कियों को एक सुरक्षित भविष्य के लिए रास्तें खुलें!
इस हॉस्पिटल के टूटने के बाद सरकार को अपनी पीठ थपथपाने के बजाय अपनी बढ़ी हुई जिम्मेदारी निभाने की जरूरत पड़ेगी! क्यो की समाज का हर वर्ग का व्यक्ति अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ना तो चाहता है। लेकिन अपने घर के किसी भी सदस्य का इलाज सरकारी अस्पताल में ही करना चाहता है।
लेखक- लव तिवारी
समाजसेवी ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
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