राजनीति की आड़ लेकर तुम झूठा शोक मनाते है।
आदत तुम्हारी इतनी गन्दी और राजनेता कहलाते हो।।
जब सत्ता में रहते हो तो अपने मन की करते हो।।
और विपक्ष में होते तो सड़क पर जाम लगाते हो।।
मानवता से कुछ नही लेना और न कुछ दरिंदगी से।
भोली भाली जनता को तुम ऐसे ही मूर्ख बनाते हो।।
वोट की राजनीति में तुम्हें नही पहचान अपनों की।
सगे बेटे का कत्ल करके सिंहासन पर बैठ जाते हो।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- १-अक्टूबर-२०२०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें