बुधवार, 30 सितंबर 2020

उनसे पूछो क्या हालत है। बेटी जिनकी जलाई है- लव तिवारी

कैसा मंजर, यह कैसा दृश्य है।
यह कैसी आफत आयी है।
घर से विदा होती जिस बहन की
अर्थी ने भी की रुसवाई है।।

मानव में रही न मानवता
डरी सहमी अब बच्चियां भी
इन दरिंदो को क्या सज़ा दे
जो हवस का बना पुजारी है।।

सत्ता के नेताओं को भी
भाती अपनी राजनीति ही
उनसे पूछो क्या हालत है।
बेटी जिनकी जलाई है।।

कब सुधरोंगे तुम दरिंदो
कब होगा तुम्हारा मन निर्मल
गंगा के इस देश मे तुमने
आज नरक नगरी बसाई है।।

रचना - लव तिवारी
दिनांक- १-अक्टूबर-२०२०
ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश






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