शनिवार, 29 अगस्त 2020

हाय रे कोरोना हाथ पड़े धोना साबुन से नौकरी से भी- हरविंदर सिंह शिब्बू युवराजपुर ग़ाज़ीपुर

"कोरोना"
हाय रे कोरोना , हाथ पड़े धोना
साबुन से ,नौकरी से भी।
बेरोजगारी आयी ,भुखमरी भी छायी
सब्जी हुई गायब, टोकरी से भी ।।

शहरों में मकान खाली होने लगे
सारे रोजगार वाले रोने लगे,
अर्थव्यवस्था सबकी डांवाडोल हुई
सबके चेहरे से हँसी गोल हुई ,
दुनिया घबराई ,सबकी सामत आई
मात खाये चीन की चोरी से ही।
बेरोजगारी आयी भुखमरी भी छायी
सब्जी हुई गायब टोकरी से भी।।

अस्पतालों की हालत बिगड़ने लगी
प्राइवेट क्लीनिक वालों ने मचाई धांधली
रोगियों को दोनों हाथों लूटने लगे,
दूसरे भी रोग को कोरोना कह के
बात समझ ना आई ,जनता भरमाई ,
ऐसी चंडाल, चौकड़ी से भी।
बेरोजगारी आयी भुखमरी भी छायी
सब्जी हुई गायब टोकरी से भी।।

कुछ दयालु लोग भी दिखाई दिये,
दे सहारा लोगों की भलाई किये,
पुलिस वाले भाइयों ने मेहनत किये
ज्यादेतर डॉक्टर भी,अपनी जान पर खेले,
कोरोना को हराने में , सतर्कता अपनाने में
लोग जुट गये चौकसी से भी।
बेरोजगारी आयी भुखमरी भी छायी
सब्जी हुई गायब टोकरी से भी।।
हरबिंदर सिंह "शिब्बू"
राष्ट्रीय प्रचारक,
(ABKM-Y)
#युवराजपुर #ग़ाज़ीपुर #उत्तर_प्रदेश

#poetry #कोरोना #poem



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें