जिले के अग्रणी विद्यालयों में से एक आदर्श इंटर कॉलेज। प्रवेश का समय आते ही सिफारिशों का तांता लग जाता है। जब हमारे प्रधानाचार्य श्री विजय शंकर राय जी थें तब इस स्कूल में अनुशासन अपने चरम पर था। उनके समय मे जो लोग यहाँ से उत्तीर्ण हुए होंगे उन्हें इस बात का अच्छे से एहसास होगा कि अगर गुरुजी फील्ड में खड़े हों तो चाहे कितनी भी इमरजेंसी हो प्यास और पेशाब दुनो रुक जाती थी। भाई हिम्मत नहीं होती थी उनसे कुछ कहने की। हालांकि बच्चों के प्रति उनका स्नेह भी कम नहीं था। अगर उनके यहाँ कोई कंप्लेन लेकर जाओ तो बड़ा धैर्य पूर्वक सुनते थें और समझते भी थें। उनके बाद जो नए प्रधानाचार्य जी आएं तो वक्त ने करवट लिया और अनुशासन तो वो वाला नहीं रहा पर उन्होंने एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान दिया जो कि वक्त के हिसाब से लाभदायक सिद्ध हुआ। और वहाँ के पुराने शिक्षकगण का तो भाई जिले में तोड़ नहीं और नए लोगों के बारे में ज्यादा आईडिया नहीं। इन सब लोगों के मेहनत का ही फल है कि ये स्कूल आज भी अंग्रेजी माध्यम वाले तमाम स्कूलों के बीच भी हर साल अच्छे प्रोडक्ट दे रहा है। अगर आप भी पढ़े हो यहाँ से इसको शेयर करते हुए कुछ यादें जरूर लिखिए।।
मेरी यादे-
पाण्डेय सर जी कहते थे- पढ़ल_पढ़ल_बेटा_ना_तफेल_होजईबा।
संजय सर जी- तीन_बूंद_जिंदगी_क__देतेथे।
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