कैसे दिन है कैसी है राते ।
आते जाते सड़क किनारे।।
कुछ तो दे दो इनको सहारे।
मजदूरों का कौन है प्यारे।।
पैसा का अब क्या है भरोसा।
मानवता को समझ लो सारे।।
हिन्दू मुस्लिम की बात नही है।
फिर भी राजनीति करते हत्यारे।।
दुनिया में भी खौफ में इस वक़्त।
ग़रीब अमीर सब है बेचारे।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 21- मई-2020
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