रविवार, 8 मार्च 2020

तुम्हारे आने की चाह से मंदिर में दीप जालाये जाते है- लव तिवारी

आ जाओ मेरे पास अब दिन पुराने याद आते है।
तुम्हारा साथ नही तो दिल पर सितम ढाये जाते है।।

अपनी मंजिल तुमसे थी और तुम पर ही खत्म ।
इस मसलों को दिल मे आज भी सुलझाए जाते है।।

कितनी बेरहम है दुनिया जो न हो सके हम एकदूजे के।
मोहब्बत वालो के इस दौर में नसीब आजमाए जाते है।।

कुछ तो है जो दूर रह कर तुम आज भी याद आते हो।
तुम्हारे आने की चाह से मंदिर में दीप जालाये जाते है।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- ०८-मार्च२०२०


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