शहर के दंगे देखकर गली के बच्चे भी डर गये।
जो रहते एक साथ, वो अपने मे ही झगड़ गये ।।
कुछ हाल ऐसा अपने मुल्क में भी है आज कल।
जो अपने थे वो आज गीता कुरान के लिए लड़ गये।।
न हुनर रही न सलीका किसी के साथ उठने बैठने की।
बच्चों में जो तहज़ीब चाहिए वो अब किताब तक रह गये।।
भूख और बेरोजगारी ये आज की नही है फसाद "लव"।
कुछ लोग है जो इस दौर में मोदी सरकार से ही जल गये।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 06- जनवरी- 2020
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