मेरे पैतृक गांव युवराजपुर ग़ाज़ीपुर से गहरा तालुकात है माननीय श्री प्रवीण तिवारी पेड़ बाबा जी का ननिहाल मेरे गांव मेंं है। आदरणीय गुरू जी श्री प्रवीण तिवारी का आशीर्वाद हम दोनों भाइयों के छात्र जीवन पर रहा है । आदरणीय गुरु जी को समर्पित ये चार लाइन की कविता
खुद की कश्ती का खुद ही पतवार बनो ।
हो सके निर्बलों के जीवन का मददगार बनो।।
जिंदगी में एक तमन्ना एक ख्वाईश रखो तुम।
मिल जाये दुखिया कोई उसका तुम फरमान बनो।।
नही खुदा इस धरती पर ना कोई भगवान यहाँ।
किसी गरीब की सेवा कर धरती का वरदान बनो ।।
रचना- लव_तिवारी
दिनांक- 15 नंवबर 2019
युवराजपुर ग़ाज़ीपुर
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