शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

मेरे ख़ुदा तूमने मुझको क्यो ऐसे ख्वाब दिखाए- लव तिवारी

कहा चले जाते हो तुम, दिल मे तड़प जगा के
बरसो की प्यासी धरती पर, थोड़ी बूँद बरसा के

मुझको मिले नही तुम फुरसत के चंद लम्हो में
चाहत देखो ऐसी है बस मुझको तुम तड़पाते

ख्वाब जो देखा तुमको लेकर और न पुरे हो सके सपने
बड़ी खुसनशीब होती जिंदगी, जीवन मे जो तुम आते

इस जिंदगी में मुक्कमल, न हो सकी जो अपनी चाहत
मेरे ख़ुदा तुमने मुझको, क्यो ऐसे ख्वाब दिखाये

रचना - लव तिवारी
दिनांक- 30- अगस्त-2019








मंगलवार, 27 अगस्त 2019

वंशवाद से हटकर है भारतीय जनता पार्टी- प्रोफेसर डॉ दीपक कुमार शर्मा

अरुण जेटली अब नहीं रहे। पर उनका बेटा कहाँ है?और स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी कहाँ है? स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर, जिन्होंने अपने अंतिम दिनों में एक सार्वजनिक कर्तव्य के साथ नाक में ट्यूब डालकर काम करते रहे , उनके नथुने कहाँ हैं या उनका कोई बच्चा राजनैतिक गद्दी संभालने के दावे का साथ आगे आया?

स्वर्गीय पूर्व पीएम वाजपेयी, क्या उन्होंने अपनी विरासत को हासिल करने के लिए किसी उत्तराधिकारी को छोड़ा था? क्या आप नोटिस करते हैं? हम उनके बेटों और बेटी का नाम भी नहीं जानते।
हमारे मौजूदा प्रधान मंत्री, भगवान न करे, वह जिस दिन जाते हैं , क्या वो अपनी जगह कोई भाई भतीजा बिठाकर जाएंगे ?
बीजेपी में कई खामियां हो सकती हैं, लेकिन उन्होंने एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जहां वे वंशवादी राजतंत्र नहीं बनाते हैं।
इसकी तुलना अन्य पार्टियों से करें जहाँ नेतृत्व एक वंश है और पार्टी एक पारिवारिक व्यवसाय की तरह है।
प्रोफेसर डॉ दीपक कुमार शर्मा




शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

तुम से ही जीवन अपनी कैसे इसे बर्बाद करेगे - लव तिवारी

अब नही याद करेंगे न कोई फ़रियाद करेगे
तुम से ही जीवन अपना कैसे इसे बर्बाद करेगे

तुमको शायद मालूम न हो बिछड़ते हो जब ख्वाबों में तुम
दिल सहम जाता हो जैसे,  सोचते किसको प्यार करेगें

मुझको पता तुम मेरी न हो, हो अमानत गैरो की
जान कर इन सच्ची बातो को, फिर कैसे इनकार करेगे

रखे सलामत ख़ुदा तुम को, और सारी खुशियां मिले 
मरते दम तक यही तमन्ना और दुआ हर बार करेगें

रचना- लव तिवारी
दिनांक -02- अगस्त-2019






गुरुवार, 1 अगस्त 2019

धुंधली पड़ रही अपनी तस्वीर बदल लें- डॉ एम डी सिंह

धुंधली पड़ रही अपनी तस्वीर बदल लें
चलिए खुद ही अपनी तकदीर बदल लें

कह दो काजिओं से हालात बदल गए
अब तो वे भी अपनी तहरीर बदल लें

सुनते-सुनते दुनिया अब ऊब रही है
कुछ तो जनाब अपनी तकरीर बदल लें

मुटा रहीं गर्दनों पर कुछ तो असर करे
पुरानी पड़ी अपनी शमशीर बदल लें

अपनी ही नहीं दिमाग की भी सुने दिल
असर करे जो अपनी तदवीर बदल लें

काजी- न्यायाधीश
तहरीर- लिखावट
तकरीर- भाषण
शमशीर -दो धारी तलवार
तदवीर -उपाय,प्रयत्न
डॉ एम डी सिंह