अब नही याद करेंगे न कोई फ़रियाद करेगे
तुम से ही जीवन अपना कैसे इसे बर्बाद करेगे
तुमको शायद मालूम न हो बिछड़ते हो जब ख्वाबों में तुम
दिल सहम जाता हो जैसे, सोचते किसको प्यार करेगें
मुझको पता तुम मेरी न हो, हो अमानत गैरो की
जान कर इन सच्ची बातो को, फिर कैसे इनकार करेगे
रखे सलामत ख़ुदा तुम को, और सारी खुशियां मिले
मरते दम तक यही तमन्ना और दुआ हर बार करेगें
रचना- लव तिवारी
दिनांक -02- अगस्त-2019
very nice 👌
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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