शुद्ध नहीं आबो-हवा, दूषित है आकाश,
सभ्य आदमी कर रहा, स्वयं श्रृष्टि का नाश..
सभ्य आदमी कर रहा, स्वयं श्रृष्टि का नाश..
ओजोन परत गल रही, प्रगति बनी अभिशाप,
वक़्त अभी है सोचिये, वरना पछ्ताएंगे आप..
वक़्त अभी है सोचिये, वरना पछ्ताएंगे आप..
अंत निकट संसार का, सूख रही है झील,
दूषित है वातावरण, लुप्त हो रही चील..
दूषित है वातावरण, लुप्त हो रही चील..
पेड़ लगाए कोई नही ac की है आस
घर को ठंडा सबकरे धरती का करे विनाश
घर को ठंडा सबकरे धरती का करे विनाश
पूज्य गुरु जी के तस्वीर सोशल मीडिया पर हर दिन मिलती रहती है देश के वास्तविक विकास को अग्रसर रूप देते हुए इस महान व्यक्तित्व की एक अनोखी कहानी , कुछ दिन पहले #दिल्ली #नोएडा डायरेक्ट #DND से अचानक गुजरने का मौका मिला नोएडा दिल्ली dnd के बाई तरफ एक तस्वीर भी इस वास्तविकता को समझा रही थी कि पेड़ नही रहे तो जीवन नही रहेगा
प्रस्तुति- #लव_तिवारी
Visit- www.lavtiwari.blogspot.in
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