कल तक जो ख्वाब था वो हकीकत हो तुम
जिंदगी कैसे जिये अब मोहब्बत हो तुम
जिंदगी कैसे जिये अब मोहब्बत हो तुम
धड़कते दिल की आहट में शोर सा है खुशनुमा
तपतपाती धुप में एक शजर हो तुम
तपतपाती धुप में एक शजर हो तुम
मेरी दुनिया तुमसे है और ग़ज़ल रंगीन भी
शायरी के हर लब्ज़ में एक बसर हो तुम
शायरी के हर लब्ज़ में एक बसर हो तुम
रात की तन्हाइयो में देते हो एक अहसास
बन जाती हो ग़ज़ल मेरी आशिकी हो तुम
बन जाती हो ग़ज़ल मेरी आशिकी हो तुम
ख्वाब का वो दौर जब तुम आती हो सामने
दिल झूम उठता है बस हर ख़ुशी हो तुम
दिल झूम उठता है बस हर ख़ुशी हो तुम
रचना -लव तिवारी 03-03-2017
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