पेड़ पर अनगिनत हरे पत्ते सुहाने लगते है
दिल में लगी हो आग तो दोस्त बेगाने लगते है
दिल में लगी हो आग तो दोस्त बेगाने लगते है
में चाहू उन्हें रूह से, और समझे गर जिस्म की बात
ऐसे हालात में मोहब्बत भी अफ़साने लगाते है
ऐसे हालात में मोहब्बत भी अफ़साने लगाते है
हर शख़्स यहाँ ओढ़ा हुआ है फरेब की चादर
एक वफ़ा मिल जाये तो नसीब जगमगाने लगते है
एक वफ़ा मिल जाये तो नसीब जगमगाने लगते है
इस वक़्त में गरीबी बनी है मौत का कारण
कोई चंद पैसे लुटाए तो हम घबराने लगाते है
कोई चंद पैसे लुटाए तो हम घबराने लगाते है
बड़ी तोहमत मिली मुझको किसी अपने के फ़रेब से
एक गुनाह हमसे गर हो जाये तो लोग इतराने लगते है
एक गुनाह हमसे गर हो जाये तो लोग इतराने लगते है
रचना- लव तिवारी
18-01-2017
18-01-2017
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