गुरुवार, 27 अक्तूबर 2016

तेरे बगैर तेरे बिना मुमकिन हो कुछ भी सोच लू- लव तिवारी

तेरे बगैर तेरे बिना मुमकिन हो कुछ भी सोच लू
ये जिंदगी बस तू ही तू है तुझे बाहों में रोक लू

कोई मुझसे पूछता तू इस कदर ,तन्हा उदास क्यों हुए
मैं सबको क्या जबाब दू ,जो सोचा तुमको न हो सका

ये चार दिन की जिंदगी में मुझे अब भी तेरी तलाश है
कही खो न दू मैं जिंदगी बस तू ही तेरा ख्याल है

तेरे मुस्कराहट भरे चहेरे के दीदार को मैं बैचन हूँ
जो तू मिले तो इस जहाँ की हर एक चीज़ पूरी मिले

मेरे उम्र भर के सवाल का तू एकलौता जबाब है
जो तू नहीं तो कुछ नहीं ये जिंदगी जिना भी मलाल है


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