बुधवार, 3 अगस्त 2016

आरक्षण योग्यताओ का हनन है - लव तिवारी

#आरक्षण योग्यताओ का हनन है और राजनीती हथियार भी , भारतीय सविंधान में अनुच्छेद 15 एवं 16  के अनुसार #शैक्षणिक रूप से पिछले वर्गों और #सामाजिक रूप से #पिछड़े #वर्गों  के लिए आरक्षण का #प्रावधान है और उन वर्ग को भी जिसके अतीत के साथ अन्याय हुआ है , सही कहे तो आरक्षण एक व्यवस्था है न की #अधिकार  अगर #व्यवस्था को अधिकार मान लिया जाय तो #शब्द अन्याय की #उत्प्पति होती है और वो अन्याय किसके साथ पड़े लिखो के साथ, #गरीब के साथ,
अब सवाल ये उठता है कि
१. क्या तथाकथित #ऊंची जातियों में गरीब और शोषित लोग नहीं है?
२. आरक्षण का आधार #आर्थिक स्थिति हो तो क्या हानि होगी?
३. शिक्षा में आरक्षण पाकर जब सामान शिक्षा हासिल कर ली फिर #नौकरियों और प्रोन्नति में आरक्षण क्या #औचित्य क्या है?
४. #वर्ण-व्यवस्था से तथाकथित नीची जातियां भी विरत नहीं फिर भी कुछ को सवर्ण कहकर समाज को #टुकड़ों में बांटने के पीछे कौन सी #मंशा काम कर रही है?
५. #अंग्रेजो के #दमन को मुट्ठी भर #युवाओं ने नाकों चने चबवा दिए फिर आज का युवा इतना अकर्मण्य क्यों है?
६. क्या हम #गन्दी राजनीति के आगे घुटने टेक चुके हैं?
७. क्या आज सत्य को #सत्य और #झूठ को झूठ कहने वाले लोगों का #चरित्र दोगला हो चला है कि आप से एक #हुंकार भी नहीं भरी ज़ाती?
प्रस्तुति #लव_तिवारी


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