सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

Meri Har Raat Tere Gum Main

मेरी हर शाम तेरे गम में सुलग जाए
मेरी हर रात तेरी यादों में जल जाए..

दिल के हर राग में तेरा ही दर्द होता है
मेरी आवाज इन आंखों से पिघल जाए..

तू मुझे चाहे, न चाहे, मेरी ये चाहत है
जिसे भी तू चाहे वो तुझको मिल जाए..

मेरी हर दर्द जानकर तू मुझे छोड़ गया 
तू सिखा दे कि कैसे तुझे दिल भूल जाए..

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