गुरुवार, 12 जून 2025

आगे कइसे दिनवा बीती हो तिरंगा सोच ता रचना श्री सुनील यादव युवा किसान मोहम्मदाबाद ग़ाज़ीपुर

आजकल के नेता लोग के देखी राजनीति हो

तिरंगा सोच ता आगे कइसे दिनवा बीती हो तिरंगा सोच ता


पार्टी जातिवाद वाला नारा लगवेल।

आवे जब वोट सबके पहड़ा पढ़ावेल।।

हो.....पहड़ा पढ़ावेल।।

बनल एकता में डाले नेता फुटनीति हो तिरंगा सोच त

आगे कइसे दिनवा बीती हो तिरंगा सोच ता

हो तिरंगा सोच ता


ओटवा से पहले सब शरीफे बुझाला।

पा जाले कुर्सी तब करेलन घोटाला।।

हो...करेलन घोटाला।।

आजकल के नेता लोग के यहे राजनीति हो तिरंगा सोच ता

आगे कइसे दिनवा बीती हो तिरंगा सोच ता

हो तिरंगा सोच ता


पार्टी ए क झंडा सब कर गाड़ी पर देखात बा।

धीरे धीरे सबही तिरंगा के भुलात बा

हो.....तिरंगा के भुलात बा

आगे कइसे दिनवा बीती हो तिरंगा सोच ता

हो तिरंगा सोच ता


लिखे ओमप्रकाश देखी के आवत रोवाई

लागता हमार कहियो देशवा लुटाई

अरे......देशवा लुटाई

दिन पर दिन बिगड़े देशवा के स्थिति हो

हो तिरंगा सोच ता

आगे कइसे दिनवा बीती हो तिरंगा सोच ता

हो तिरंगा सोच ता







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