मंगलवार, 5 सितंबर 2023

सच बोलने वालों के हिस्से आती लड़ाई बहुत है श्री योगेश विक्रांत ग़ाज़ीपुर

उतरते हुओं को देख कर कहो नहीं चढ़ाई बहुत है
बेशर्म हैं महफ़िलें जहां पर ख़ुद की बड़ाई बहुत है

दूरियाँ उनके लिए हैं जिनमें मिलने की हूक ना हो
निभाने का हुनर हो तो ढाई अक्षर पढ़ाई बहुत है

वो साथ होते मगर हो न सके कहते हैं तबीयत से
उलझनें हैं कि मजबूरियाँ बातों में सफ़ाई बहुत है

बिना साये के दरख़्त का रिश्ता राहगीरों से कहाँ
सच बोलने वालों के हिस्से आती लड़ाई बहुत है

योगेश विक्रान्त
#yogeshvikrant



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