काम आ सकी ना अपनी वफाएं तो क्या करें
एक बेवफा को भूल न जाए तो क्या करें
अब जी में है उनको भूला कर ही देख ले
वो बार-बार याद जो आए तो क्या करें
दर्द को दिल में बसाना चाहिए
रोते रोते मुस्कुराना चाहिए
दर्द को दिल में....….
क्या पता, हो जाए कब, दीदार ए यार
उस दिन में आना जाना चाहिए
दर्द को दिल में....….
आंखों से काजल चुराने का हुनर
ये हुनर भी आजमाना चाहिए
दर्द को दिल में....….
दूर हो जाएंगी सारी दूरियां
कोई अच्छा सा बहाना चाहिए
दर्द को दिल में....….
एल्बम- एक महफ़िल गायक चंदन दास
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