विशेष परिचय : 1990 में टाइम्स समूह की पत्रिका धर्म युग की उप संपादक हो कि मुंबई प्रस्थान 1995 से हिंदी सिनेमा में संवाद लेखन जोर इंडियन जन्नत जन्नत 2 कृष कृष 3 आशिकी 2 का बिल सहित तीन दर्जन सिनेमा में संवाद पटकथा गीत 2002 में गजल संग्रह यहीं कहीं हाथी सृष्टि युवा कवि सम्मान 2007 में किसके संवाद खातिर आइफा अवॉर्ड समारोह लंदन में नामांकित 2013 में आशिकी 2 भुला देना मुझको खातिर मिर्ची म्यूजिक सम्मान 2021 में वेब सीरीज आश्रम के संवाद खातिर आई एम डिजिटल सर्विस संवाद लेखन एवं सम्मान 2021 में लघु माइग्रेन के निर्देशन गजल संग्रह काजल की कोठरी में प्रकाशनाधीन
निबंध, नाटक, उपन्यास, कहानी, आलोचना, संस्मरण, रेखाचित्र, आत्मकथा, जीवनी, डायरी, यात्राव्रत, कविता, गज़ल, भजन, भोजपुरी, नवगीत, हिन्दीफिल्मी गीत, शायरी, भोजपुरी गीत, पत्र लेखन, जीवन परिचय, भारत की संस्कृति के लिए , लघुकथा, विज्ञानकथा, व्यंग, पुस्तक समीक्षा,भाषा की उन्नति के लिए, साहित्य के प्रसार के लिए, लव तिवारी
बुधवार, 16 अगस्त 2023
हिंदी फिल्म जगत के महान गीतकार श्री संजय मासूम जी का संक्षिप्त परिचय एवं रचनाएं
प्रारूप
नाम : श्री संजय मासूम
जन्मतिथि : 8- फरवरी-1965
माता का नाम : श्रीमती माधुरी श्रीवास्तव
पिता का नाम : स्वर्गीय उदय नारायण श्रीवास्तव
जन्म स्थान : ग्राम- धर्मागतपुर पोस्ट बालापुर तहसील मोहम्दाबाद जनपद ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
शैक्षिक योग्यता : बी.ए., एलएल.बी.
संप्रति (पेशा) : संवाद, पटकथा, गीत
विधाएं : ग़ज़ल, हिंदी फिल्म के लिए गीतों की रचना
साहित्यिक गतिविधियां :
प्रकाशित कृतियां : यहीं कहीं ( ग़ज़ल संग्रह)
श्रीमद्भगवद्गीता का भोजपुरी में भावानुवाद
पुरस्कार सम्मान : 2002 में युवा कवि सम्मान, 2007 में आईफा अवार्ड समारोह लंदन के लिए नामांकित, 2013 में मिर्ची म्यूजिक सम्मान, 2021 में आश्रम वेब सीरीज के लिए आईडब्ल्यूएम डिजिटल सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन अवार्ड से सम्मानित
संपर्क सूत्र : ए-1001-रामकृष्ण अपार्टमेंट प्लाट नंबर 52 म्हाडा काम्प्लेक्स, मलवानी नंबर 8, मालाड (पश्चिम) मुंबई 400095
मोबाइल नंबर- 9820034538, 9820054538
ईमेल- masoom.sanjay@gmail.com
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ग़ज़ल- १
कुछ खोना कुछ पाना चलता रहता है,
सांसों का अफसाना चलता रहता है
अब भी चिड़िया, चुग जाती है खेतों को-३
दो एक दिन पछताना चलता रहता है-२
सांसों का अफसाना चलता रहता है
कुछ खोना कुछ पाना चलता रहता है,
कुछ बच जाते हैं, तो कुछ मिट जाते हैं-३
वक्त का आना जाना चलता रहता है-२
सांसों का अफसाना चलता रहता है
कुछ खोना कुछ पाना चलता रहता है,
हिंदू मुस्लिम आते-जाते रहते हैं-३
नुक्कड़ का मैखाना चलता रहता है-२
सांसों का अफसाना चलता रहता है
कुछ खोना कुछ पाना चलता रहता है,
गायन- श्री जगजीत सिंह जी
रचनाकार- श्री संजय मासूम जी
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