वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर मे पधारों-४
घर मे पधारों मेरे घर मे पधारों-२
काटो सकल क्लेश जी मेरे घर मे पधारों
गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर मे पधारों-२
एक दन्त दया वंत चार भुजा धारी
माथे सिंदुर शोभे मुस की सवारी
सर्व सिद्ध सर्वेश जी मेरे घर मे पधारों
गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर मे पधारों-२
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता
विद्या वारि धी बुद्धि विधाता
गणपति पुत्र उमेश जी मेरे घर मे पधारों
गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर मे पधारों-२
शंकर सुवन भवानी नन्दन
चरण कमल पर सत सत बन्दन
रिद्धि सिद्धि के प्राणेश जी मेरे घर में पधारों
गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर मे पधारों-२
पधारों ---
काटो सकल क्लेश जी मेरे घर मे पधारों
गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर मे पधारों-२
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