अविजित स्वाभिमान की पावन,
वीर-कहानी अमर रहे।
जय-जय राजस्थान तुम्हारी,
तेरा पानी अमर रहे।
जिसकी टापों से अरिदल के,
बढ़े हौसले चूर हुए।
शूर-शिरोमणि का वह चेतक,
हय तूफानी अमर रहे।
जब कर से करवालें छूटीं,
रजपूती शर्मिंदा थी।
तब गौरव हित लड़ने वाला,
हर बलिदानी अमर रहे।
स्वामी के प्राणों की रक्षा,
शीश कटा कर जिसने की।
राजभक्ति का अमिट चिह्न वो,
झाला मानी अमर रहे।
किया निछावर पाई-पाई,
राष्ट्र-धर्म की रक्षा में।
वणिक-विभूषण महामना वह,
भामा दानी अमर रहे।
पति-व्रत के पालन में जिसने,
वन के अगणित कष्ट सहे।
कुल सिसोदिया की मर्यादा,
वह पटरानी अमर रहे।।
जिसका अतुल शौर्य हर्षित हो,
सदियाँ सदियों गाएँगी।
गिरि अरावली का प्रताप वह,
कुलाभिमानी अमर रहे।।
महाप्रतापी,महापराक्रमी महाराणा प्रताप की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
शत शत नमन, सादर वन्दन🙏🌹
-संजीव कुमार त्यागी
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