शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

चारों ओरिया नज़र फेर देखा ई शहीदन की खू की कमाई- अज्ञात

समर में पीठ जो दिखावें उ सानी कईसन
सर बाजार में लूट जाला उ पानी कईसन
न हो जन जन की युगों की उ कहानी कईसन
वतन के काम ना आवे उ जवानी कईसन

चारों ओरिया नज़र फेर देखा ई शहीदन की खू की कमाई
धन्य हउवे ई भारत के ललना, धन्य हउवी ई धरती माई।।

बादल विपत्ति के जब राणा पे छा गये।
घर वार छोड़कर वो जंगल में आ गये।।
दिखती थी नदी और पहाड़ो की चोटियां
बनने लगी हर शाम अब घासों की रोटियाँ
ताज हिमगिरि बा इतना सलोना, कही लग जाएं ना जादू टोना।
दाग लागिहे न माई के अचरा, कितनो घरिहे विपतिया के बदरा।
चारों ओरिया........