मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक गंभीर समस्या है और अभी तक विश्व के धरातल पर इस बीमारी का कोई इलाज संभव नहीं होता है इस बीमारी से पीड़ित जनों को अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसी संदर्भ में स्पष्ट रूप से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने की क्या विधि है आइए हम आपको बताते हैं और किन दस्तावेजों का जरूरत होता है इसके बारे में निम्न लिखित जानकारी है।
कृपया इस बात का हमेशा ध्यान रखे हैं कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित व्यक्ति को आवेदन करते समय उसका टाइप मस्कुलर डिस्ट्रॉफी ही होना चाहिए ना कि लोकोमोटर डिसेबिलिटी या कोई अन्य टाइप नही होना चाहिए। अगर मैं 100 लोगो को जानता हूं तो उसमें 50 लोगों लोगों के द्वारा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी ना लिखने की भयंकर गलती को पाता हूँ। जिसकी वजह से सरकार के पास हम पीड़ितों का एक्चुअल डाटा नहीं है जिससे सरकार यह सोचती है कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम के पीड़ितो की संख्या भारत में बहुत कम मात्रा में हैं।
इस बात का विशेष ध्यान दें कि आवेदन या विकलांग प्रमाण पत्र बनवाते समय आपका डिसएबिलिटी टाइप मस्कुलर डिस्ट्रॉफी ही होना चाहिए।।
इन महत्वपूर्ण जानकारी एवं संसाधनों को एकत्रित करके आप स्वालंबन यूनीक डिसेबिलिटी आईडी गूगल पर सर्च करते हुए स्वालंबन की वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन करेंगे
वेबसाइट- https://www.swavlambancard.gov.in/
आवेदन प्रक्रिया पूरा करने के बाद आपको दो पीडीएफ डॉक्यूमेंट प्राप्त होगा एक पर्सन डिसएबिलिटी रेजिस्ट्रेशन और दूसरा पर्सन डिसएबिलिटी रिसिप्ट , पर्सन डिसेबिलिटी रजिस्ट्रेशन वाले डॉक्यूमेंट का प्रिंटआउट करके साथ में आधार कार्ड का फोटो कॉपी एवं अगर आपके द्वारा पहले हार्ड कॉपी द्वारा बनाया गया विकलांग सर्टिफिकेट है तो उसका फोटो कॉपी लेकर अपने जिले की सरकारी जिला चिकित्सालय में जहां पर दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनाया जाता है वहां पर आप चले जाएंगे डॉक्टर के सामने कुछ निरीक्षण करने के बाद आपका दिव्यांग का प्रमाण पत्र बना दिया जाएगा रिसिप्ट के माध्यम से जो आपको 20 अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर मिला है और आपका डेट ऑफ बर्थ जो पासवर्ड है इसकी सहायता से अगले 60 दिन के बाद आप अपना यूडी आईडी कार्ड (विकलांग यूडी आईडी कार्ड) और विकलांग दिव्यांग का प्रमाण पत्र जाने की डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को फिर से वेबसाइट पर विजिट करके डाउनलोड कर सकते हैं
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