सोमवार, 11 जुलाई 2022

लोग मुझे पागल कहते हैं गलियों और बाजारों में मैंने प्यार किया है मुझकों चुनवा दो दीवारों में

लोग मुझे पागल कहते हैं गलियों और बाजारों में
मैंने प्यार किया है मुझकों चुनवा दो दीवारों में

हर पन घट पर मेरे फ़साने चौपालों में जिक्र मेरा
मेरी ही बातें होती है बस्ती में चौबारों में
लोग मुझे पागल कहते..................

दुनिया वालों कुछ दो मुझकों मेरी वफ़ा दाद मिले।
मैंने दिल के फूल खिलायें शोलो में अंगारो में
मैंने प्यार किया है मुझकों......................

गीत है या आगो का धुआं है नगमा है या दिल का तड़प
इतना दर्द कहाँ से आया साजों की झंकारों में
मैंने प्यार किया है मुझकों......................

गायक- आशा भोंसलेरचना- ख़य्याम




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें