लोग मुझे पागल कहते हैं गलियों और बाजारों में
मैंने प्यार किया है मुझकों चुनवा दो दीवारों में
हर पन घट पर मेरे फ़साने चौपालों में जिक्र मेरा
मेरी ही बातें होती है बस्ती में चौबारों में
लोग मुझे पागल कहते..................
दुनिया वालों कुछ दो मुझकों मेरी वफ़ा दाद मिले।
मैंने दिल के फूल खिलायें शोलो में अंगारो में
मैंने प्यार किया है मुझकों......................
गीत है या आगो का धुआं है नगमा है या दिल का तड़प
इतना दर्द कहाँ से आया साजों की झंकारों में
मैंने प्यार किया है मुझकों......................
गायक- आशा भोंसलेरचना- ख़य्याम
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