जय माता दी बोले ला जहनवा हो
सजनवा माई के धमवा........२
ऊँचा पहाड़ पर माई दरबार बा
केहुं जाला पैदल केहु घोड़ा प सवार बा
होले भीड़ सझियां विहनवा हो -२
सजनवा माई के धमवा........२
बाले बनराज बइठल दुवरे समनवा २
तीन पिंडी रूप में माई देलि दरसनवा २
देखी सुख पावेला नयनवा हो-२
सजनवा माई के धमवा........२
करे के नहान बान गंगा के विधान बा
बीच राह अरध कुमारी माई स्थान बा-२
गुफवा में देनी दरसनवा है माई
सजनवा माई के धमवा........२
लउटी के वैशनों माई दरबार से
जाला जहान सारा भैरो दरबार के-२
देखी उलसे से पूनम के मनवा हो-२
सजनवा माई के धमवा........२
जय माता दी बोले ला जहनवा हो
सजनवा माई के धमवा........२
रचना- अजय त्रिपाठी
मशहूर गीतकार संगीतकार
वाराणसी उत्तर प्रदेश
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