पढ़ल लिखल मैडम से सोचली की बियाह करब
गऊवा में हमहु ऐडवांस कहलाइब
चश्मा लगाइब शूट बूट पेनब फेशन में
मैडम के संग में शहर घूमें जाईब
बाकी जबसे बियाह भईल जिनिगी मोर बेहाल भईल
घरवा में जहिया से आ गइली रानी
आ मेहरी के नोकर बनी घर मे रहत बानी
सगरो सोचलका पे फिर गईल पानी
सुती उठी बर्तन धोई लेके आई पनिया
आ गईली घर मे जबसे हमरो दुल्हनिया- २
सूती उठी बर्तन......
अपने सुतेली पहिले हमकें जगावली २
जगते रसोइया में तुरते पठावली २
मागेली चाय हमसे- २ बैठी के पलनिया
आ गईली घर.......२
रोजे रोजे हप्ता हप्ता भेषवा बनावली २
किसम किसम के होठलाली लगावली २
बाल कटवावेली-२जइसन गॉव के नचनिया
आ गईली घर.......२
एमए बीए पास हई रोबवा जमावेली २
प्यार से ना बोले डाटी डाट के बोलावेली २
तीर अस लागे इनकर-२ सगरो बचनिया
आ गईली घर.......२
केतना बताई पूनम होत बा ससतिया २
आफत में जिनगी पड़ल होता दूरगतिया २
ना जाने कइसन चलनी २ नैकी रे चलनिया
आ गइली घर......२
सुती उठी बर्तन धोई लेके आई पनिया
गीतकार अजय त्रिपाठी
सुप्रसिद्ध संगीतकार व गीतकार वाराणसी उत्तर प्रदेश
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